देहरादून। प्रदेश के करीब डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की आज से बेमियादी हड़ताल शुरू हो गई। कई दफ्तरों में तालाबंदी कर कार्मिकों ने परेड ग्राउंड में पहुंच कर धरना भी दिया। सरकार की ओर से नो वर्क नो पे का आदेश जारी करने से कर्मचारियों में आक्रोश और बढ़ गया है। सचिवालय समेत तमाम राजकीय विभागों में आज से कामकाज ठप हो गया हैं। इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। उधर, एससी-एसटी कार्मिकों के काम पर पहुंच रहे हैं। कार्मिकों में टकराव के आसार को देखते हुए पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट हैं। कर्मचारी नेताओं ने दफ्तरों पर जुट कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वह मांग कर रहे हैं कि जब तक बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का शासनादेश उन्हें नहीं मिल जाता, हड़ताल नहीं रुकेगी। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि हड़ताल को सफल होगी और सरकार को हमारी मांग माननी ही पड़ेगी।
अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव वीपी नौटियाल ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन राष्ट्रव्यापी है। उत्तराखंड में हड़ताल के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, मध्य प्रदेश में भोपाल, कर्नाटक में बंगलुरू समेत प्रदेश के अन्य राज्यों की राजधानियों में भी धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। जिला समाज कल्याण विभाग में भी हड़ताल का असर देखने को मिला। विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग से आज कोई भी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुआ। आपात सेवा होने की वजह से कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए। कहा कि अगर पक्ष में फैसला नहीं आया तो आगामी पांच मार्च से आकस्मिक सेवाएं भी बाधित रखी जाएंगी। दून में मोहनी रोड स्थित पेयजल मुख्यालय में उत्तराखंड जल निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने तालाबंदी की।
हल्द्वानी के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आरक्षण के विरोध में उत्तराखंड जनरल ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन के सदस्याें ने धरना दिया। रुद्रपुर आरटीओ कार्यालय के समीप पदोन्नति पर आरक्षण की रोक को लेकर सरकार की ओर से शासनादेश जारी नहीं करने पर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
हरिद्वार में उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन के आह्वान पर प्रोन्नति में आरक्षण खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने की मांग को लेकर हड़ताल का विकास भवन में असर देखने को मिला। कई विभागों में पटल सूने हैं, जबकि एससी एसटी फेडरेशन के कर्मचारी कम रहे।
रुड़की में प्रमोशन में आरक्षण प्रक्रिया के विरोध में तहसील में कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कोषागार विभाग, आपूर्ति पूर्ति विभाग और ब्लाक किले कर्मचारियो ने काम छोड़कर प्रदर्शन किया। कर्मचारी के हड़ताल पर रहने से लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पाए। वहीं एआरटीओ कार्यालय में भी हड़ताल का असर दिखा। एआरटीओ कार्यालय में 14 में से 10 कर्मचारी हड़ताल पर है। जिससे लोगों के लाइसेंस नहीं बन रहे है। वहीं, रजिस्टार कार्यालय में 6 में सभी कर्मचारी काम पर है।
जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल शुरू
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