देहरादून। बार एसोसिएशन देहरादून के वार्षिक चुनावों में दिग्गजों ने दावेदारी जतानी शुरू कर दी है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने वाले नावों के लिए प्रचार प्रसार भी तेज हो गया है। छह बार अध्यक्ष रह चुके एडवोकेट मनमोहन कंडवाल इस सातवीं बार के लिए मैदान में उतरना चाह रहे हैं। लंबे समय से अधिवक्ताओं की चेंबर की मांग को उन्होेंने काफी हद तक इस साल हल भी कर दिया। पुरानी बिल्डिंग के ऊपर चेंबर निर्माण कार्य शुरू करने के बाद मनमोहन कंडवाल अपनी दावेदारी को जीत में बदलने को तैयार हैं। इसके अलावा पहले दो बार अध्यक्ष रह चुके राजीव शर्मा बंटू भी इस बार अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। एडवोकेट राजीव शर्मा बंटू का भी खासा अनुभव रहा है। इसके अलावा सचिव पद पर वर्तमान सचिव अनिल शर्मा के साथ-साथ छह और सीनियर वकील दावेदारी पेश कर रहे हैं। सभी दावेदारों ने अपने अपने पक्ष के लिए वोट मांगने और प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। बार चुनावों के लिए जनवरी प्रथम सप्ताह में ही आचार संहिता लागू कर दी गई थी। इसके बाद से ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई थी। लेकिन, वर्तमान में दिन रात दिग्गज वकील प्रचार में जुट गए हैं। वकीलों के चेंबर्स की लड़ाई, लाइब्रेरी, वेलफेयर फंड, वकीलों को भत्ता आदि मुद्दे बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रमुख होते हैं। अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव समेत कुल 11 पदों के लिए चुनाव होने हैं। अलग अलग खेमों के वकीलों ने अपने समर्थकों से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है। वकील अपने अपने हिसाब से जीत हार के आंकलन में भी व्यस्त हो चुके हैं।
दावेदार :-
अध्यक्ष पद पर
- मनमोहन कंडवाल
- राजीव शर्मा बंटू
- रघुवीर सिंह कठैत
- रंजन सोलंकी
सचिव पद पर - अनिल शर्मा
- अनिल गांधी
- प्रकाश टी पाल
- भानू प्रसाद सिसौदिया
- रणदीप ग्रेवाल
- हसन मंसूर
बार चुनाव में मुद्दे
-अधिवक्ताओं के लिए चेंबर्स की व्यवस्था करना।
-लाइब्रेरी का विस्तार।
-अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था कराना।
-अधिवक्ताओं के लिए भत्ते की सुविधा कराना।
-बिना प्रैक्टिस वाले अधिवक्ताओं को हटाना।
हाईकोर्ट की बेंच का बड़ा मुद्दा : उत्तर प्रदेश के जमाने से ही वकील लगभग 40 सालों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट इलाहाबाद की बेंच स्थापित करने की मांग पर आंदोलनरत हैं। प्रत्येक शनिवार को वकील हड़ताल पर रहते हैं। हालांकि, पिछले दिनों हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पूरे दिन हड़ताल पर न रहकर लंच टाइम में ही अपना विरोध जताते हैं। विभाजन के बाद देहरादून, हरिद्वार, रुड़की आदि जगहों पर वकीलों का यह आंदोलन जारी है। उत्तराखंड में ये वकील हाईकोर्ट नैनीताल की बेंच को देहरादून में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।