क्या सचमुच बुरे फँस गये बंशीधर भगत जी? क्या कहता है ज़िलाअधिकारी नैनीताल का आदेश?
कोविद 19 नामक वैश्विक महामारी से पूरा विश्व ही पीड़ित हो चुका है। सरकारें भी अपनी पूरी क्षमता से इस बीमारी से लड़ रही है, तथा समय-समय नये-नये निर्देश भी दे रहीं हैं। नैनीताल ज़िला, उत्तराखंड के 3 सबसे संक्रमित जिलों में से एक होने के कारण रेड ज़ोन में भी है, तथा ज़िला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी विशेष सतर्कता भी वरत रहा है। ज़रूरत अनुसार नये-नये निर्देश जारी कर रहा है। हालाँकि विपक्षी दल की तरफ़ से भी सरकार पर लगातार पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। कुछ दिनों पूर्व कुमाऊँ के प्रभारी कमिश्नर नीरज खैरवाल ने निर्देश जारी किये थे कोई भी व्यक्ति/ संस्था सीधे ज़रूरतमंदो को सामग्रियाँ उपलब्ध नही करा सकते, उन्हें वो सामग्रियाँ प्रशासन को सौपनी होगी। कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं को तो रोक रही है, जबकि भाजपा के कार्यकताओं को खुली छूट दे रखी है। ऐसे ही नैनीताल ज़िला अधिकारी सविन बंसल ने 26 अप्रेल को आदेश ज़ारी किया कि किसी भी रेड ज़ोन अथवा ओरेंज ज़ोन वाले जिलों से नैनीताल जिले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ( कैन्सर जैसी गंभीर बीमारियों वाले बुज़ुर्गों को छोड़ कर) को अनिवार्य रूप से सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा।
हालाँकि केंद्र सरकार ने 29 अप्रेल को जारी अपने आदेश में ये स्पष्ट किया है कि मात्र कोरोना के लक्षण वाले लोगों को सरकार द्वारा तय केंद्रों में तथा बिना लक्षणों वाले लोगों को होम क्वारंटीन किया जाये। अब ऐसे में देखना ये होगा कि ज़िले में कौन सा आदेश लागू होता है। पर इतना तय है कि ज़िला अधिकारी का 26 अप्रेल का आदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के लिये परेशानी का सबब बन सकता है। दरअसल बंशीधर भगत पिछले कई दिनों से देहरादून में हैं। संगठन का काम देख रहे हैं, तथा इस सिलसिले में लगातार कार्यकर्ताओं से सम्पर्क कर बैठकें भी कर रहे हैं, तथा देहरादून ज़िला प्रदेश का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित ज़िला है तथा रेड ज़ोन में आता है। अब ऐसे में चर्चा का विषय ये है कि निकट भविष्य में जब वो नैनीताल जिले में प्रवेश करेंगे तो प्रशासन उनके संदर्भ में कौन से निर्देश का पालन करेगा। केंद्र सरकार का या ज़िला अधिकारी का? ज़िला अधिकारी के निर्देश के अनुसार तो उन्हें जब भी वो आये सरकार द्वारा नियत क्वारंटीन सेंटर में 14 दिन बिताने पड़ेंगे तथा फिर अगले 14 दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा।… या फिर बंशीधर भगत जिस प्रकार सरकार में अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुये देहरादून पहुँच गये राजनैतिक कार्यों के लिये, क्या वैसे ही वापस नैनीताल जिले में अपने घर पर भी पहुँच जाएँगे। और वैसे भी वह सरकार का हिस्सा नही हैं। और उनका इस लॉकडाउन की स्थिति में पूरे प्रदेश में घूमने का प्रोटोकोल भी नही बनता।
क्या सचमुच बुरे फँस गये बंशीधर भगत जी? क्या कहता है ज़िलाअधिकारी नैनीताल का आदेश?
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