हल्द्वानी। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों ने दो दिनी हड़ताल शुरू कर दी है। बैंक कर्मियों की हड़ताल के चलते करोड़ों का लेनदेन प्रभावित रहा। बैंकों में कामकाज को जाने वाले लोग निराश होकर लौटते दिखाई दिये। यहां एसबीआई की मुख्य शाखा के बाहर एकत्र होकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जहां एक ओर सरकार अपनी सफलता का ढ़ोल पीट रही है, वहीं दूसरी ओर भारतीय अर्थव्यवस्था धराशायी है। बैंकों की देशव्यापी हड़ताल से साबित होता है कि कहीं न कहीं बैंकों में आज भी असंतोष है। कहा कि कई बार समझौते होने के बाद भी सरकार उन पर अमल नहीं कर रही है। जिससे सरकार के प्रति बैंक कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। कहा कि 2017 का वेतन समझौता प्रस्ताव अभी तक लंबित है। कई बार हुई वार्ताओं के बाद भी सरकार उसे मंजूरी प्रदान नहीं कर रही है। सरकार के बैंक कर्मचारियों के प्रति अड़ियल रवैया को देखते हुए आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने 2017 से रुका वेतन समझौता लागू करने, बैंकों का निजीकरण रोकने, श्रम कानूनों में संशोधन न करने, बैंकों में रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती करने, पुरानी पेंशन योजना को लागू कर एनपीएस को खत्म करने, खराब ऋण खाता से वसूली करने, बैंकों में पांच दिनी बैंकिंग प्रणाली को लागू करने, सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन करने की मांग प्रमुखता से उठाई। वक्ताओं ने कहा कि यदि इस हड़ताल के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 11 से 13 मार्च तक हड़ताल की जाएगी। यदि इसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जायेगी। इस दौरान उत्तराखंड बैंक एंप्लाइज यूनियन के सहायक मंत्री केएन शर्मा पीए, योगेश पंत, टीएस पांगती, महेश पांगती, सनी कोहली, राजू, गौरव गोयल, जगदीश बिष्ट, हेमलता पांडे, लोकेश गुरूरानी, सचिन बल्दिया, पीसी पंत, मोहित वर्मा, राजेंद्र सिंह भोजक, महेंद्र सिंह, अनुराग सिंह, विनोद सिंह, गौरव आर्या, संजय जोशी, गिरीश बिष्ट, चित्रा नगदली, संजय पाटनी, हरगोविन्द सिंह, मनोज पुजारा, केदार सिंह, जगत सिंह बिष्ट, राकेश तिवाड़ी, विपिन भट्ट, जीवन सिंह समेत कई कर्मचारी शामिल रहे।
बैंक कर्मी हड़ताल पर, कामकाज ठप
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