हल्द्वानी। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए लागू लॉक डाउन में पुलिस-प्रशासन ने और सख्ती कर दी है। अब प्रत्येक व्यक्ति के खाद्य सामग्री वितरित करने पर रोक लगा दी गई है। दुकानें भी लॉक डाउन के नियम के तहत निर्धारित समय तक ही खुल रही हैं। नगर में अभी भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। जिन्हें अलग-अलग स्थानों में रखा गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग एक-दूसरे से दूरी बनाये हुए हैं।

शासन द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को बाजार सुबह 7 बजे से 1 बजे तक खुला रहा। इस दौरान लोगों ने जरूरत के सामान की खरीददारी की। जनता जागरूक दिख रही है और आवश्यक वस्तु व जरूरत होने पर ही खरीददारी की जा रही है। मंगलपड़ाव सब्जी मंडी बंद होने के बाद अब दुकानदार ठेलों में सब्जी लेकर प्रत्येक मोहल्लों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस व प्रशासन द्वारा अपनी ड्यूटी तत्त्परता से की जा रही हैं और भीड़भाड़ न हो इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं कुछ सब्जी विक्रेता लोगों से मनमाने दाम वसूलने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसाइटी ने शीश महल आदर्श पब्लिक स्कूल के पास मंडी के रेट पर सब्जी वितरण का कार्य किया। संस्था अध्यक्ष पंकज खत्री ने बताया कि क्षेत्र के लोगों ने शिकायत की थी कि लॉक डाउन के दौरान क्षेत्र के सब्जी विक्रेता ऊंचे दामों पर सब्जी विक्रय कर रहे हैं। जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया। वहीं कोरोना महामारी के इस दौर में हर कोई मदद को आगे आ रहा है। इसी क्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज की प्रेरणा से संचालित संस्था प्रभु प्रेमी संघ शाखा हल्द्वानी ने देश पर आए कोरोना वायरस संकट को देखते हुए 31 हजार रूपये आपदा राहत कोष में दिए हैं। इसके अलावा लोग भी जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
पुलिस-प्रशासन भी जगह-जगह फंसे व जरूरतमंदों, मजदूर तबके के लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है। प्रशासन ने अब आम जनता द्वारा की जाने वाली मदद पर रोक लगा दी है। जिसके चलते अब प्रशासन स्वयं जरूरतमंदों को जरूरत की चीजें उपलब्ध करा रहा है। इसके लिए कंट्रोल रूम व टोल फ्री के अलावा व्हाट्सअप नंबर का भी सहारा लिया जा रहा है। लोग इन नंबरों में अपनी समस्या दर्ज करा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन प्रत्येक सूचना पर त्वरित कार्य कर रहा है। मंगलवार को प्रशासन की सख्ती के बाद भी कुछ लोग जगह-जगह फंसे हुए लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करते देखे गये। एक बजते ही दुकानें बंद हो गई और जरूरत का सामान खरीदने वाले लोग अपने घरों को लौट गये।