हल्द्वानी। मेडिकल काॅलेज के लैक्चर थियेटर-1 में कोरोना वायरस मैनेजमेंट विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें चिकित्सकों, पीजी छात्रों व नर्सिंग स्टाफ को कोरोना वायरस की जानकारी दी गई। माइक्रोबायोलाॅजी विभाग की एसोशिएट प्रोफेसर डा. विनीता रावत ने कोरोना वायरस के लक्षण पाये जाने पर मरीज के रक्त नमूने को जांच के लिए कैसे लिया जाये व रक्त नमूने की पैकिंग व रक्त नमूने को कितने तापमान पर रखा जाय,े इसकी विस्तृत जानकारी चिकित्सकों व नसिंग स्टाफ को दी। डा. रावत ने रक्त नमूनों को प्रयोगशाला तक ले जाने वाली कोरियर कंपनियों की जिम्मेदारी तय करने की बात कही जिससे सही समय पर रक्त नमूने प्रयोगशाला तक पहुॅच सके। उन्होंने कहा कि मरीज की अच्छी तरह जांच पड़ताल करने के बाद ही कोरोना वायरस के लक्षण के सम्तुल्य जानकर ही रक्त के नमूनों को भंेजना चाहिए हर व्यक्ति के रक्त नमूनों को नहीं भेजना चाहिए, जिससे अनावश्यक समय की बर्बादी हो। कार्यशाला में मेडिसन विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डा. परमजीत सिंह ने कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की किन लक्षणों से पहचान होती है के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी, उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण नाक बहना, बुखार, डायरिया, सिर दर्द, उल्टी, थकान, निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ आदि के बारे में बताया। डा. परमजीत ने बताया कि कोरोना वायरस ग्रसित मरीज के लिए अलग स्थान में ओपीडी, वार्ड, आने-जाने का रास्ता उपचार करने में उपकरण आदि को अलग से होना चाहिए व ओपीडी व वार्ड में एयर कंडीशिनर होना चाहिए। कार्यशाला में वायरोलॅाजी में कार्यरत डा. मयंक पोखरियाल व डा. ललित ने चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के रक्त नमूनों को लेने की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक बताया व चिकित्सकों को रोगी के उपचार के समय पहनने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमैन्ट किट को कैसे पहना व उतारा जाये का प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में डा. परमजीत सिंह, डा. विनीता रावत, डा. यतेन्द्र सिंह, डा. अभिसेक ंिसह, डा. नताशा, डा. प्रशान्त, डा. प्रियंका, डिप्टी नर्सिग सुपरिटेंन्डेंन्ट ईला चैधरी, पीजी के छात्र-छात्राएं व नर्सिग स्टाफ मौजूद था।
कोरोना वायरस के लक्षण व बचाव के बारे में बताया
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