संस्था द्वारा संचालित वृद्धआश्रम को आज पूरे 4 वर्ष पूर्ण हो गए है। इस अवसर पर कनक चंद ने सभी सहयोगियों, कार्यकर्ताओं, कमर्चारियों और शुभचिंतको का हार्दिक धन्यवाद किया। कहा कि गुरुकृपा और सबके सहयोग से ही अपनी टीम के माध्यम से वृद्ध सेवा करने में सफल हुई हूं।
हर एक सम्मानित व्यक्ति का तहे दिल से धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने हमें किसी भी रूप में किसी भी तरीके से ,वृद्धआश्रम संचालित करने के लिए अपना सहयोग, समर्थन, साहस, प्रेरणा, अनुभव और स्नेह दिया है।
सिर्फ लोगों के सहयोग से ही वृद्धाश्रम ने कितनो ही असहाय गरीब और बेघर बुजुर्गो को शरण दी, सेवा दी, अपना स्नेह और सम्मान दिया, कितनो की सुरक्षा और संरक्षण हेतु कार्य किया। कितनो को कॉउंसलिंग कर घर वापस सेटल किया, वृद्धजन हेतु जागरूकता अभियान चलाया। वृद्ध उत्सवों का भव्य आयोजन कर उनमे खुशियां बिखेरी। प्लांटेशन किया गया। सामाजिक कार्यो में संस्था की अध्यक्ष द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया गया। सीनियर सिटीजन को उनके अदभुत कार्यो हेतु सम्मानित किया। बुजुर्गो के लिए काव्य गोष्ठियां की और बुजुर्गो के लिए भव्य खेल प्रतियोगिताएं की आयोजित के गई जिसमे ढलती उम्र में बुजुगों ने खूब पुरस्कार जीते और सम्मान प्राप्त किया।
इन सब कार्यो को सबने सराहा और समर्थन दिया। विभिन्न सामाजिक संस्थाओ ने करीब 29 पुरस्कारों से वृद्ध सेवा के लिए कनक चंद को पुरस्कृत किया । वृद्ध सेवा के तहत वृद्धजन के सर्वागीण सुख के किये जाने वाले कनक चंद के कार्यो को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 2019 में संस्था की अध्यक्ष कनक चंद को ” तीलू रौतेली राज्य पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। जो कि राज्य का सबसे बड़ा पुरस्कार है।
इन 4 वर्षों में संस्था श्री आनंद आश्रम न केवल वृद्धआश्रम चला रही है, बल्कि अन्य स्थानीय सीनियर सिटीजन के हितों के लिए भी कार्य कर रही है।
संस्था अध्यक्ष कनक चंद ने बताया कि जल्द ही संस्था एक वृद्धआश्रम का निर्माण करेगी जहाँ पर गरीब, लाचार, जरूरतमंद, बेबस, असहाय और बीमार वृद्धजन को आश्रय देकर , उनकी सेवा पूर्ण प्रेम और स्नेह से करेगी।
आज वृद्धआश्रम में फल वितरण के साथ साथ भोज का आयोजन किया गया। और कोरोना महामारी के कारण हुए लॉक डाउन के चलते साधारण तरीके के स्थापना दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर कनक चंद, श्री मनीष चंद, भावना बिष्ट, ममता देवाल, नंदन, माया और सभी बुजुर्ग उपस्थित थे।
