हल्द्वानी। संविधान बचाओ मंच द्वारा सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ 25 जनवरी प्रातः 11 बजे से 28 जनवरी प्रातः 11 बजे तक के 72 घंटे के धरना-सत्याग्रह को सफल बनाने के लिए तैयारी बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के आंदोलन में बाहरी हाथ होने वाले बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा गया कि भाजपा जन समस्याओं के समाधान की कोशिश करने के बजाय हमेशा उसमें बाहरी हाथ तलाशने का काम करती है और हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करती है। होना तो यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री अपने देश के लोगों से बात कर समस्या का हल निकालने की कोशिश करते परन्तु ठीक इसके उलट शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन में बाहरी हाथ बता कर राज्य के मुख्यमंत्री मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जनता की एकता को देखते हुए वे इसमें सफल नहीं होंगे।बैठक में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से धरने में बैठी महिलाओं पर जगह जगह किये जा रहे दमन और लाठीचार्ज की निंदा करते हुए योगी को हटाने की मांग की गई। हल्द्वानी में संविधान पर हो रहे हमलों के खिलाफ संयुक्त रूप से संविधान बचाओ मंच बनाया गया है और संयुक्त रूप से इस संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा। इसलिए ‘संविधान बचाओ मंच’ सभी लोगों से सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ कल 25 जनवरी से होने वाले 72 घंटे के “धरना-सत्याग्रह” में पूरी ताकत से शामिल होने की अपील करता है। इस अवसर पर बड़ी मस्जिद के इमाम सैय्यद इरफान रसूल, राजा बहुगुणा, पार्षद शकील अंसारी, जीआर टम्टा, नफीस अहमद खान, अब्दुल कादिर, मुकेश बौद्ध, अलीम खान, सिराज अहमद, बाबू पेंटर, शमशाद अंसारी, मो फहीम, इसरार अहमद, रईस अंसारी, मो अय्यूब, शरीफ खान, इकराम, डॉ कैलाश पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री के आंदोलन में बाहरी हाथ वाले बयान की तीखी आलोचना
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