हल्द्वानी। कुमाऊं विश्वविद्यालय सीनेट कोर्ट के सदस्य हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति शीघ्र होनी चाहिए। उन्होंने कहा की कुलपति के चयन हेतु गठित पैनल की रिपोर्ट राज्यपाल को 16 दिसंबर 2019 को सौंप देने के बावजूद भी स्थाई कुलपति के नियुक्ति के बजाय कार्यवाहक कुलपति केएस राणा का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री कुंवर ने कहा की बतौर कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति गलत की गयी थी। नियमानुसार स्थाई कुलपति के नियुक्ति तक विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति बनाना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। प्रोफेसर डीके नौडियाल के इस्तीफे से कुलपति का पद रिक्त हुआ था। विश्वविद्यालय के 48 वर्ष बाद भी इस विश्वविद्यालय के वरिष्ठम प्रोफेसर के बजाय बहार से कार्यवाहक कुलपति बनाया जाना यहां के शिक्षा विधु का अपमान है। उन्होंने कहा की कार्यवाहक कुलपति के एस राणा का 10 माह का कार्यकाल निराशाजनक रहा है रहा है। उन्होंने कहा की परिसरों के छात्रावासों का नाम बदलना पुरानी इमारतों का लोकार्पण कर अपना व अतिथियों के नाम के शिलापट लगाया जाना भी सस्ती लोकप्रियता है। विश्वविद्यालय की गरिमा के खिलाफ कार्यवाहक कुलपति कार्य कर रहे है। आज यहां कुमाऊं विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष केदार पड़लिया, बालम सिंह बिष्ट, जगमोहन चिलवाल, राजेंद्र सिंह खनवाल, मयंक भट्ट, भुवन तिवारी, प्रमोद कोटलिया, दीपक शाह, जगमोहन बगड्वाल, सहित कई लोगों ने यूनिवर्सिटी में स्थाई कुलपति की नियुक्ति की मांग की है। यह भी कहा गया है की अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।