देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल ने आज डिप्टी सीएमओ उत्तम सिंह को ज्ञापन सौपते हुये बताया की उत्तराखंड में विगत कई वर्षों से डेंगू व स्वान फ्लू महामारी का रूप लेकर कई लोगों की जान ले चुके हैं। अस्थायी राजधानी देहरादून में राज्य के मुखिया और मुख्य सचिव के नाक के नीचे इन महामारी विमारियों में राज्य का स्वास्थ्य विभाग चारो खाने चित रहा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य जनपदों में रोकथाम व इलाज की क्या व्यवस्था होती होगी। महामारी वैश्विक रूप धारण कर चुकी है, कोरोना वाईरस जो लाइलाज बीमारी बनकर धीरे धीरे देशों को निगल रही है। भारत वर्ष में भी कोरोना वाईरस आ चुका है तथा देहरादून में भी इसके मरीज मिल चुके हैं, लेकिन देहरादून शहर में सबसे बड़ी दिक्कत कि कोरोना वाईरस मरीजो के लिये आइसोलेशन वार्ड शहर के बीच दून मेडिकल कॉलेज यानि दून हॉस्पिटल में बनाया गया है, जिसके कारण यह संक्रमण विमारी किसी अन्य मरीज ता तिरामदार व्यक्ति को हो सकती है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की गैरजिम्मेदाराना रवैया है। दूसरी और राज्य के हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर एक्सपर्ट चिकित्सकों की ड्यूटी नही लगायी गयी है। इस तरह से महामारी का रूप ले चुका कोरोना वाईरस से राज्यवासियों को बचाया जा सकता है। दल ने मांग की कि देहरादून शहर के बाहर कोरोना वाईरस से पीड़ित मरीजों के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाया जाय, जैसे रायपुर हॉस्पिटल इसके लिये उपयुक्त है। देहरादून में हवाई सेवा, बस व रेलवे सेवा से आ रहे व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच के लिए ऐरपोरी, बस अड्डो व रेलवे स्टेशनो में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों व निपुण कर्मचारियों की नियुक्ति तथा सुदृढ जांच व्यवस्था की जाय। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, विजय बौड़ाई, प्रताप कुँवर, राजेन्द्र बिष्ट, धर्मेंद्र कठैत, अशोक नेगी, मेहर सिंह राणा, वीरेश चौधरी, भगवती डबराल, देवेंद्र रावत, रामपाल सिंह आदि शामिल थे।
उत्तराखंड क्रान्ति दल ने सौपा डिप्टी सीएमओ को ज्ञापन
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